मंजिलो पे आ के लूटते है दिलों के कारवां
कश्तिया साहिल पे अक्सर डूबती है प्यार की
कश्तिया साहिल पे अक्सर डूबती है प्यार की
मंजिले अपनी जगह है रास्ते अपनी जगह (2)
जब कदम ही साथ ना दे तो मुसाफिर क्या करे
जब कदम ही साथ ना दे तो मुसाफिर क्या करे
डूबने वाले को तिनके का सहारा ही बहोत
दिल बहल जाए फकत इतना इशारा ही बहोत
इतने पर भी आसमान वाला गिरा दे बिजलियाँ
कोई बतला दे ज़रा यह डूबता फिर क्या करे
मंजिले अपनी जगह है रास्ते अपनी जगह
यूं तो है हमदर्द भी और हमसफ़र भी है मेरा (2)दिल बहल जाए फकत इतना इशारा ही बहोत
इतने पर भी आसमान वाला गिरा दे बिजलियाँ
कोई बतला दे ज़रा यह डूबता फिर क्या करे
मंजिले अपनी जगह है रास्ते अपनी जगह
बढ़ के कोई हाथ ना दे दिल भला फिर क्या करे
मंजिले अपनी जगह है रास्ते अपनी जगह
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