आ भी जा आ भी जा ऐ सुबह आ भी जा -२
रात को कर विदा दिलरुबा आ भी जा ) -२
आ भी जा आ भी जा ऐ सुबह आ भी जा
मेरे मेरे दिल के पागलपन की ओ सीमा क्या हैरात को कर विदा दिलरुबा आ भी जा ) -२
आ भी जा आ भी जा ऐ सुबह आ भी जा
यूँ तो तू है मेरी छाया तुझमें ओ तेरा क्या है
मैं हूँ गगन तू है ज़मीं अधूरी सी मेरे बिना
रात को कर विदा दिलरुबा आ भी जा
आ भी जा आ भी जा ऐ सुबह आ भी जा -२
देखूँ चाहे जिसको कुछ-कुछ तुझसा दिखता क्यूँ है
जानूँ जानूँ ना मैं तेरा-मेरा रिश्ता क्यूँ है
कैसे कहूँ कितना बेचैन है दिल मेरा तेरे बिना
रात को कर विदा दिलरुबा आ भी जा
आ भी जा आ भी जा ऐ सुबह आ भी जा -२
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